Sawan somvar 2024 सावन के पहले सोमवार शिवालयों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, इस मंदिर के कुण्ड में नहाने से हो जाते है चर्मरोग ठीक

सावन के पहले सोमवार शिवालयों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, इस मंदिर के कुण्ड में नहाने से हो जाते है चर्मरोग ठीक

Sawan somvar 2024

सावन के पहले सोमवार शिवालयों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, इस मंदिर के कुण्ड में नहाने से हो जाते है चर्मरोग ठीक

सिंगोली। सावन के पहले सोमवार को क्षैत्र के हर शिव मंदिर पर बोल बम के जयकारो के साथ श्रध्दालु भक्तो की महादेव भोलेनाथ शिवलिंग दर्शनो के लिए भीड़ रही वही सिंगोली से 14 किलोमीटर दुर 2000 साल पुराना प्राचीन तिलस्वां महादेव मंदिर स्थित है जहां कुंड में नहाने से चर्मरोग दूर हो जाता है ! भीलवाड़ा जिले में स्थित तिलस्वां महादेव मंदिर राजस्थान के प्रमुख शिवालयों में से एक है जो सिंगोली से मात्र 14 किलोमीटर दुर है यह मंदिर अपनी अनोखी मान्यताओं और विशेषताओं के लिए जाना जाता है यहां भगवान शिव का शिवलिंग तिल के समान है। यह शिवलिंग प्राकृतिक रूप से बना हुआ है और इसकी बनावट तिल के दाने जैसी है शिवलिंग के साथ ही भगवान शिव की प्रतिमा भी एक ही जगह पर विराजमान है यहां पर स्थित जल कुंड में स्नान करने एवं यहाँ की मिट्टी शरीर पर लगाने मात्र से भक्तों के चर्म रोग दूर हो जाते हैं।

सावन के पहले सोमवार शिवालयों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, इस मंदिर के कुण्ड में नहाने से हो जाते है चर्मरोग ठीक

Sawan Somvar 2024:

इस वजह से यहां सावन के अलावा भी पूरे साल भर भक्तों का आना-जाना रहता है महाशिवरात्रि के पर्व पर मेले में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है तिलस्वां महादेव मंदिर के ऐतिहासिक जानकार बताते हैं कि तिलस्वां महादेव के नाम से यह प्राचीन शिव मंदिर है यह 2024 वर्ष पुराना मंदिर है तिलस्वां महादेव मंदिर की स्थापना 10वीं से 12वीं सदी के बीच आज से 2024 वर्ष पूर्व राजा हवन ने की थी राजा हवन ने ऊपर माल क्षेत्र के नाम से प्रसिद्ध बिजोलिया क्षेत्र में 12 मंदाकिनीय बनाई उसमें से तिलस्वां महादेव प्रमुख मंदाकनी के नाम से शिव मंदिर प्रसिद्ध है। कुष्ठ रोग जैसी बीमारी वाले भक्तों की पीड़ा भगवान भोलेनाथ हरते हैं वहीं मंदिर की सेवा-पूजा का कार्य पाराशर परिवार की ओर से 16 पीढ़ियों से किया जा रहा है। ‘तिलस्वां’ नाम के पीछे भी एक जनश्रुति है माना जाता है कि मेनाल के राजा हवन को एक बार कुष्ठ रोग हो गया तो एक सिद्ध योगी ने उसे बिजौलियां के मन्दाकिनी महादेव के कुण्ड में स्नान करने का आदेश दिया जिससे सम्पूर्ण शरीर का कोढ़ तो मिट गया, लेकिन ‘तिल’ मात्र कोढ़ शेष रह गया इस पर योगी ने राजा को यहां से थोड़ी दूर दक्षिण दिशा में स्थित जल कुण्ड में स्नान करने और वहां स्थापित शिवलिंग की पूजा करने का आदेश दिया राजा के ऐसा करने पर ‘तिल’ मात्र कुष्ठ भी ठीक हो गया तभी से ‘तिलस्वां’ नाम का विख्यात हुआ और राजा ने यहां विशाल शिव मन्दिर का निर्माण करवाया। कुंड में स्नान करने से दूर हो जाता है चर्म रोग :- यहां पर एक मान्यता यह भी है कि मंदिर परिसर में बने कुंड में स्नान करने और यहां पर मिट्टी का लेप करने से शरीर का चर्म रोग दूर हो जाता है, यहां पर इस वजह से पूरे साल भर प्रदेश भर से लोग चर्म रोग से मुक्ति पाने के लिए यहां पहुंचते हैं व सावन में कई जगह से कावड़िये यहाँ गाजे बाजे,डी.जे.के साथ पहुचते है जो कुण्ड के पवित्र जल को कावड़ में भरकर पैदल यात्रा कर अपने अपने गाँव के शिव मंदिरो में कावड़ के पवित्र जल से जलाभिषेक करते हैं।

1.सावन माह में मनोकामना पूर्ण के लिए यहाँ पैदल यात्री भी भारत के हर कोने से दुर दुर से पहुचते है पैदल यात्रियों के लिए सामाजिक संस्थाओ ध्दारा रास्तो में स्वल्पाहार एवं जल व्यवस्था भी रहती है वही मंदिर परिसर में पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा की भी माकुल व्यवस्था रहती है।

One thought on “Sawan somvar 2024 सावन के पहले सोमवार शिवालयों में उमड़ा भक्तों का जनसैलाब, इस मंदिर के कुण्ड में नहाने से हो जाते है चर्मरोग ठीक

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
WhatsApp

डेली न्यूज़ व्हाट्सएप के माध्यम से प्राप्त करने के लिए हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें।

Powered by Webpresshub.net